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Showing posts from July, 2013

Champak singh ki kismat

चम्पक सिंह जो की मेरा एक दोस्त है उसके जिंदगी की दास्ताँ कुछ हटके है इस लिए मै चम्पक सिंह के बारे में विस्तार से लिखना चाहता हूँ । बातें बहुत सी है पर में उसके जीवन के नौकरी के पल और कुछ एजुकेशन के पल शेयर करूँगा । चम्पक सिंह के पापा का नाम जीवनलाल है । जीवनलाल - बेटा चम्पक अब तू स्नातक कर रहा है आगे का क्या बिचार है । चम्पक सिंह- पिताजी में सोच रहा हूँ कि कंप्यूटर कोर्स कर लेता हूँ । जीवनलाल - बेटा पहले बीएससी पूरा कर लो फिर देखो क्या करना । अब तक तो कभी फर्स्ट क्लास पास हुए नहीं तुम समझ में नहीं आता ये जिंदगी तुम्हे कहा लेकर जाएगी । तू पढता तो रात को २ बजे तक है फिर नंबर क्यों नहीं आते । चम्पक सिंह- क्या करूँ जो पढता हूँ वो आता नहीं और जो आता है वो पढ़ के नहीं जाता । जीवनलाल - हा हा हा तू नहीं सुधरेगा । चम्पक सिंह का एक दोस्त था उसको लोग प्यार से गड्डी के नाम से बुलाते थे । गड्डी और चम्पक सिंह एक ही कमरे में रहते थे । गड्डी को सब मालूम था की चम्पक सिंह के नंबर क्यों नहीं आते थे असल में रात को चम्पक सिंह कुछ अलग ही करता था या तो कहानी की किताब पढता था या फिर खुद कहानी लि