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Top 10 Ways to out stone from body

सरोज एक संघर्ष

सरोज सरोज एक संघर्ष का  नाम था ? सरोज एक लड़की थी जिसकी शादी के १ साल ही हुए थे और उसके पति की डेथ हो गई थी । सरोज अब टूट सी गई थी । अडोस पड़ोस  के लोगों  ने समझाया जिंदगी जीने  के लिए है उसे जाया मत करो । सरोज १० वी  पास थी तो उसने अपनी पढाई फिर से शुरू की किसी तरह से १२ वी  की परीक्षा पास की फिर टीचींग  का कोर्स कर लिया और एक दिन अध्यापिका बन गई  । जिंदगी अब कुछ अच्छी  लगने लगी । घर में कोई जेंट्स नहीं था और सभी बहनो की शादी  थी । खेती भी थी । सरोज की एक बहन की ४ बेटी थी । सरोज की बहन का नाम सुमित्रा था । सुमित्रा का पति जुवारी था एक दिन वो सब कुछ जुए  में हार गया । तो सुमित्रा भी सरोज के साथ रहने लगी एक दिन सुमित्रा के पति की भी डेथ  हो गई  क्योंकि उसे कैंसर हो गया था । अब सरोज ने सुमित्रा और उसकी बेटियों की जिम्मेदारी अपने सर  ले लिया । सबको पढ़ाया लिखाया और धीरे धीरे ३ बेटियो की शादी भी करवा दी ।   सरोज अब नौकरी से रिटायर हो गई  थी । उसकी अब एक ही इच्छा बाकी थी की किसी तरह से चौथी बेटी की शादी कर दूं मरने से पहले । लेकिन किस्मत को कुछ  और ही मंजूर था एक दिन सरोज के पेट म

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करे कौन भरे कौन

करे कौन भरे कौन मेरे  गांव  के पास ही एक दूसरा गांव  था उसका नाम लालपुर था । लालपुर में एक लाला जिसका नाम था जीवन । जीवन  के २ बच्चे थे एक लड़का और एक लड़की । दोनों की उम्र ६ और ९ साल की थी । एक दिन जीवन का बेटा  खेल रहा था और खेलते खेलते वो एक जीप में बैठ गया जो रुकी हुई थी । बेटे का नाम  ननकू था । ननकू  छुपम  छुपाई खेल रहा था इसलिए जीप में छुप गया था ।  लेकिन थोड़ी देर में ननकू को नींद लग गई और वो सो गया । जब उसकी आँख खुली तो जीप चल रही थी । इधर लालपुर मे जीवन अपने बेटे को ढूँढने लगा लेकिन काफी ढूंढने पे  भी ननकू कहीं नजर नही अाया तो समझ अाया की लगता है की ननकू खो  गया | १ दिन  बीत गया पुलिस मे रिपोर्ट भी की लेकिन कुछ भी पता न चला | ननकू के माता पिता परेशान हो गया |  उसी गाँव  मे एक बाबा रहता था उसका बड़ा नाम था | बाबा का नाम मिस्त्री बाबा था | लोगो ने जीवन को मिस्त्री बाबा के पास् जाने की सलाह दी | असल मे मिस्त्री बाबा ने जिनः सिद्धि की थी | उस जिन की मदद से सबका दुख दूर करते थे | जीवन मिस्त्री बाबा के पास गया औॉर अपना दुख बताया | मिस्त्री बाबा बोले की मै बता तो सकता हूँ की तु

Moh Effect and Side effect in life

मोह इस दुनिया में हर किसी को किसी न किसी वस्तु  से मोह है । किसी को बहुत सारी  चीजों का मोह तो किसी को कुछ चीजों का ।  देखा जाये तो हम हर वक्त मोह से घिरे रहते है । जिसे ज्यादा मोह वो जाता है वो भी दुखी रहता है और जो वैरागी है वो दूसरों के मोह से दुखी रहता है । एक माँ जो की अपने बच्चे से कितना ज्यादा मोह  करती है और अपने दिल में प्यार को महसूस करती है उसके बच्चे को कुछ भी हो तो कितना विचलित हो जाती है ।  कुछ मोह जो बिलकुल दिल से किये जाये वही  प्यार बन जाता है । किसी को नौकरी से मोह तो किसी को कंपनी से मोह किसी को बातों का मोह तो किसी को मोबाइल का मोह किसी को खिलौनों से मोह  तो किसी को  किताबों से मोह । जहाँ तक हम अपने शरीर से जुडी हर एक वस्तु  से मोह करते है । जो कपडे पहनते है सोचते है जितना ज्यादा चले उतना अच्छा है पुरानी हो जाने पर भी ठीक से रख देतें है या तो घर में पहनते है । घर में रहते रहते खिड़की से बहार देखते देखते उस खिड़की से भी मोह हो जाता है की जिंदगी के किस मोड़ तक मैं ये खिड़की देखूंगा ।  अलग अलग सोच के साथ अलग अलग मोह उपज जाते है । ये मोह वक्त के साथ साथ हमें कितन

Holi celebration at Godrej Hillside Mumbai

मैं  कुछ तस्वीरें शेयर कर रहा हूँ जो की हमने होली में खींची थी ।  ये मेरे बेटे लवित की पहली होली है ।  पहली  चीज  हमेशा यादों में रहनी चाहिए ।  पहली होली पहला प्यार पहली तनख्वाह इतियादी हमेशा याद रहती है । 

Birthday Photos of My daughter Avantika 2016

मेरी प्यारी बेटी जन्मदिन मुबारक हो। केक सेलिब्रेशन ऑन १८/मार्च/२०१६

दुनिया में इंसान की मजबूरी ही इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी होती है

मजबूरी कैसी कैसी इस दुनिया में मजबूरी कैसी कैसी है जो इंसान को कितना कमजोर बना देती है । मजबूरी इंसान को सहनशील बना देती है । मजबूरी का उदहारण कही न कही कभी न कभी मिलता ही रहता है । एक बार मै ट्रेन में जा रहा था ट्रेन  में बहुत भीड़ थी जिनकी टिकट कन्फर्म थी उनकी कोई मजबूरी नहीं थी पर जिनकी टिकट वेटिंग में थी उनकी हर जगह मजबूरी थी । पहले टीटी आया सब वेटिंग वालों से बोला सब जनरल डिब्बे में जाओ नहीं तो १०० रुपए दो जिन्होंने पैसे दे दिए उन्हें जनरल डिब्बे में नहीं जाना पड़ा बाकी सबको जाना पड़ा । टीटी के जाने के बाद पुलिसः  वाले  आये और सब वेटिंग वालों से २० रुपए लिए।  भारितीय रेल  का बजट तो हर साल बड़े तरीके से पेश होता है पर कन्फर्म टिकट भी मिल जाये तो समझो गंगा नहा  लिया । एक बार सरकार यदि सारे बाते छोड  के कन्फर्म टिकट का बजट पेश  कर दे तो सबसे  भारी बजट कहलायेगा । सरकार भी क्या करे ये सरकार की मजबूरी है हम क्या करें ये हमारी मजबूरी है । बड़े जुगाड़ के बाद ही कन्फर्म टिकेट मिलता है । कोटा होना कुछ को तो सुकून देता है पर कुछ लोगों के लिए मजबूरी । ।  हिंदुस्तान कई वर्ष तक गुलाम था

Maa ki Mamta

माँ माँ  के बारे में क्या लिखूं जितना भी लिखूं कम है । बचपन से लेकर बुढ़ापे तक माँ की महिमा कम नहीं होती । माँ का सम्मान करना ही एक मात्र तरीका है उसका कर्ज कुछ हद तक उतारने  का । माँ अपने जीवन में माँ होने के साथ साथ अपनी दोस्त भी होती है । एक ऐसा दोस्त जो की अपने हर दुःख दर्द को दूर करने की ताकत रखती है । रानी लक्ष्मीबाई जी ने जब अंग्रेजों से आखिरी लड़ाई लड़ी थी तो अपने बच्चे को अपनी पीठ पर रखकर उसकी रक्षा करते हुए लड़ी थी ।  अंतिम साँस तक  उनके मन में देश के साथ साथ अपने  बेटे की ममता उनके रग  में समाई  हुई थी । इस  दुनिया में यदि किसी बेटे की शादी होती है तो लगभग उस बेटे को माँ का साथ छूट ही जाता है कुछ लोग ही होते है जो माँ को पूरा जीवन सम्मान के साथ अपने साथ रखते है लेकिन  कुछ बेटे जो माँ को शादी के बाद अलग कर देते है शादी के  बाद माँ जैसा प्यार कही और नहीं पाता  । यही से माँ के प्यार का  आभास भी होता है । माँ को किसी भी रूप में देखो चाहे भारत माँ , गाइ  माँ  या फिर किसी और में परन्तु माँ शब्द में ही प्यार छुपा होता है । ये माँ शब्द तो एक अक्षर का ही है परन्तु  दुनिया के स

Yaaden kuch khaati kuch meethi on youtube

How to Believe on God and Astavakra Vani

Jaago Aur Jagaao

जागो और जगाओ  दोस्तों हम अपनी परेशानियों के लिए हमेशा दूसरों को दोष देते रहते है पर अपने अंदर का दोष कभी नहीं दूर करते । हम यह भी कहते है की सरकार ने ये नहीं किया वो नहीं किया ।  में आप से पूछता हूँ अगर मुझे कुछ दिक्कत है तो आपको कैसे पता चलेगी आपको तब तक नहीं पता चलेगी जब तक में आपको बताऊंगा  नहीं । आप जब तक अपनी दिक्कत सरकार को नहीं बताओगे तब तक दिक्कत दूर कैसे होगी । आज के दौर की सरकार एक अच्छी सरकार है मुझे विस्वाश है की सरकार आपके हर परेशानी पर अमल जरूर करेगी बस आपको एक कदम बढ़ाना है सरकार द्वारा प्रदान की  गई वेबसाइट पर अपनी शिकायत दर्ज करो । प्रधानमंत्री मोदी जी की खुद के नाम की भी वेबसाइट है  वहा जाये और रजिस्ट्रेशन करे । मैंने अब तक जो भी दिक्कत और परेशानी लिखी उस पर अमल जरूर हुआ है अब आपकी बारी है अपनी समस्या के बारे में लिखने की । मेरा तो काम ही है जागो और जगाओ ।