Skip to main content

Posts

Showing posts with the label sachin tendulkar

Ramlila of Cricket players in world cup 2011

खिलाडियों की रामलीला या वर्ल्ड कप २०११ कॉमेडी जैसे की हम सभी जानते है की वर्ल्ड कप २०११ भारत ने जीत लिया तो ऐसा लगा जैसे श्री रामचंद्र जी ने लंका जीत ली हो . हमने लंका तो जीत ली पर किस खिलाडी ने कौन सा रोल किया यह तो किसी ने बताया ही नहीं. मै बताना चाहता हूँ रामायण के मुख्या पत्र थे राम,लक्ष्मन,और हनुमान जी मेरे ख्याल से राम की भूमिका खुद सचिन ने निभाई और लक्ष्मण की भूमिका में रहे हमारे वीरेंदर सहवाग. जिन्होंने आखिरी लड़ाई वो है हमारे धोनी भाई रामायण में हनुमान जी ने अहिरावन को मार के आखिरी लड़ाई लड़ी थी तो धोनी ने आखिरी शोट मर के फ़ाइनल मैच जीता जो की एक मिशल बन गया. अहिरावन की भूमिका में रणदिव रहे . लंकापति नरेश की भूमिका में तो कुमार संगकारा जी थे जिन्हों ने जीजान से लड़ाई की परन्तु अंत में जीत तो राम की ही होनी थी कुम्भकरण की भूमिका में लसित मलिंगा के अलावा कोई नहीं जम सकता जिन्होंने अपने हावभाव से सभी को डरा दिया था . मेगनाथ की भूमिका महेला जैवार्दाने ने बखूबी निभाया और जमकर batting करके उन्होंने अपनी सकती का भरपूर एहसाश दिलाया. नल और नील की भूमिका में ग

Kalyug me lankadhahan ho hi gaya

कलयुग में लंका ढहन हो ही गया वर्ल्ड कप २०११ आखिरकार कलयुग में लंका का दहन हो ही गया. धोनी ने आखिरकार हनुमान जी की भूमिका अदा कर ही दिया . अपने खेल से उन्होंने दिखा दिया की जीत आखिर में राम की ही होनी थी २ अप्रैल २०११ पूरे भारत के लिए जसन का माहोल हो गया हर जगह ढोल नगाड़े बज रहे थे लोगों ने रात के २ बजे तक डांस किया बल्ले बल्ले किया. भारत माता की जय के नारे लगे. काश ऐसा दिन रोज आये लोग इतना ही खुस रोज रहें तो कैसा होगा . खैर धोनी टीम तो करोरों लोगों को खुसिया दिया भगवन उन्हें हमेशा खुस रखे. जय हो.

Why Sachin Tendulakar is not taking retirement

पता नहीं सचिन ने सन्यास क्यों नहीं लिया, वर्ल्ड कप २०११ बेस्ट टाइम था सन्यास के लिए आखिरकार सचिन का वर्ल्ड कप जीतने का सपना साकार हो ही गया . मै तो समझ रहा था कि सचिन वर्ल्ड कप जीतने के बाद सन्यास ले लेंगे पर लगता है वो अभी और क्रिकेट खेलना चाहते है खैर कोई बात नहीं अगर सचिन इस वक्त सन्यास ले लेते तो बेस्ट सन्यास टाइम कहलाता बाद में फिर पता नहीं क्या हो कब क्रिकेट से गायब हो जाएँ राहुल द्रविड़ कि तरह पता ही नहीं चलेगा. मेरे ख्याल से सचिन का सन्यास लेना ठीक रहता पर बन्दे में अभी जान है तो इंडिया को इसका लाभ जरूर मिलेगा. वर्ल्ड कप २०११ पूरी इंडिया के लिए फेस्टिवल का दिन हो गया मुंबई में तो हर कोई रोड पे आ के डांसर बन गया था सबकी ख़ुशी देखने को मिलती नारियल फोड़ने वालों कि तो लाइन लगी हुई थी जगह जगह प्रोजेक्टर से मैच देखे जा रहे थे. कुछ लोगों ने तो कई कई व्हिस्की कि बोतले खली कर दी मरे खुसी के हर कोई फूला नहीं समां रहा था. जगह जगह भारत माता कि जय के नारे लग रहे थे, वन्दे मातरम लोगों के दिलों से निकल रहा था ऐसा लगा रहा था जैसे हर किसी ने वर्ल्ड कप जीत लिया था. और हर किसी