Skip to main content

Posts

Showing posts with the label child tales and stories

Margidhwa the Dog story

मर्गिध्वा मेरे घर के पीछे बुधई बाबा का घर था उनका एक लड़का जिसका नाम पुल्लू था एक बार कही जा रहा था तो एक छोटे से कुत्ते का बच्चा मिला जो सो रहा था और जैसे बहुत भीगा भीगा सा लग रहा था पुल्लू ने उसे देखा तो दया आ गई और उसे उठा के देखने लगा पर वो उठ ही नहीं रहा था जैसे लगा रहा था की मर गया है । पुल्लू ने सोचा की चलो इसे जमीन में गाड देता हूँ । उसने गड्ढा खोद कर उसमे उस बच्चे को रख दिया पर जैसे ही मिटटी डाला वो पौन करके बोला देखा तो वो जिन्दा था तो पुल्लू उसे घर ले आया और क्योंकि वो मरने से बचा था इसलिए इसका नाम मर्गिध्वा रख दिया । दिन बीतते गए अब मर्गिध्वा बड़ा हो रहा था तो उसकी सैतानी बढती जा रही थी कभी मेरे घर की रोटी चोरी कर लेता तो कभी किसी और की एक बार तो हद ही हो गई मेरे घर का एक नौकर था उसकी खाने के साथ आदत थी की हर बार रोटी मुह में डालने का बाद मुह को ऊपर की ऒर करके खाना खाता था । मर्गिध्वा सामने ही बैठा था बहुत देर हो गई जब मर्गिध्वा ने देखा की खाना उसे नहीं मिलने वाला तो बाबु ने जैसे ही मुह ऊपर किया मर्गिध्वा उनकी थाली में ही खाने लगा जब बाबु ने देखा तो पूरा खान गायब हो ...