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Its bad but good

बुरा है पर अच्छा है कभी कभी में सोचता हूँ की दुनिया में कितनी बुराइया होती फिर सोचता हूँ की हर बुराई में अच्छाई छुपी होती है जैसे की मुंबई में बहुत लडकिया गलत धंधे करती है और सेक्स गैंग चलाती है ये सब गलत धंधे है फिर सोचता हूँ कि चलो अच्छा ही है कमसे कम इन लडकियों कि वजह से अच्छे खानदान और संस्कार वाली लडकिया बची रहती है बुरे लोगों कि नजरों से और समाज में सर उठा के जी सकती हैं इसी तरह से लोग चिकेन मटन खातें है जो कि अच्छी बात नहीं होती है पर लोग बहुत मात्रा में मांसाहार करते है सोचो अगर सभी सब्जी ही खायेंगे तो सब्जी और कितनी महंगी हो जाएगी और तो और बकरे भी सब्जी ही खाते है . इसी तरह से ड्रिंक करना बुरा है पर दावा कि तरह पीओ मतलब कि कम तो अच्छा है. इसी तरह से बहुत चीजे इस दुनिया में बुरी होती है पर उसके पीछे कुछ न कुछ अच्छाई छिपी रहती है. इसलिए बुरा है पर अच्छा है.

Ye aag kab bujhegi

ये आग कब बुझेगी ? आप सोच रहे होंगे मई कौन से आग की बात कर रहा हूँ ! में अपने और आप के अन्दर के आग की बात कर रहा हूँ! हमारे अंदर कितनी आग है जिसे हम नहीं जानते फिर भी वो है. एक आग है कम वासना की जो की प्रकिर्तिक है और रहेगी ! संसार चल रहा है इस आग से! दूसरी आग है नसे की जो की सभी में किसी न किसी रूप में होती है ! कोई चाय तो कोई कोफ़ी कोई सिगरेट तो कोई सरब कोई कम तो कोई ज्यादा यह सब ऐसी आग बन चुके है जो कभी नहीं बुझ सकते हमेशा रहेंगे और इससे हमारा ही नुकसान होना है और हम कर के रहेंगे. मुझे इन आगो से सिकायत नहीं है क्यों की इससे हमर ही नुकसान होता है किसी और का नहीं ? मुझे सिकायत है इसके आलावा एक और आग से जो की बहुत ज्यादा फैल चूका है! वो है मांसाहार की आग. और ए आग कब बुझेगी ? किसी ज़माने में फसल नहीं होती थी तो इंसान मांस खा के कम चला लेता था फिर इंसानों ने अपना रहन सहन बदला शिक्षा में विकास किया भाषा में बदलाव किया रीती रिवाज बदले ? फिर भी नहीं बदला तो मांसाहार हम कल भी खाते थे आज भी खाते हैं. अरे अब तो इन पशुओं को अपनी लाइफ जीने दो इन्हें भी जीने का हक़ है . भगवन की नजर...