Skip to main content

Posts

Showing posts with the label all about story

When I get changed

कब कब    बदला मै मै जब  छोटा था तब बहुत नादान . लगभग ५ साल का था मेरा पापा मुझे कभी कभी पढ़ाते थे पर मुझे कुछ याद नहीं रहता था. मै मस्ती में रहता था ना साम को मेरे बाबा मुझे पहाडा रटाते थे फिर हिंदी का पौया अद्धा और सवाया  दिन भर थोडा बहुत  काम  भी करना पड़ता था पर मेरा पढाई में मन बहुत कम ही लगता था मेरे चाचा तो कभी कभी छड़ी से पिटाई भी जोरदार कर देते थे मुझे लगा जिस पढाई में इतनी मार पड़ती हो तो वो पढाई किस  काम  की मेरी सोच सुरु से उलटी चलती थी इस लिए नंबर तो कही भी नहीं रहा. जब जब मुझे मार पड़ी मै बदलता गया. कभी छड़ी की मार तो कभी वक्त तो कभी किस्मत. सायद मेरी तरह इस दुनिया में बहुत लोगों का यही हाल है. मै सोचता था की ऐसी फुद्दू  पढाई  में नौकरी कहाँ मिलने वाली है मै तो सबसे यही कहता था इस ज़माने में नौकरी कहा मिलने वाली है. एक दिन मेरा एक दोस्त मिला वो भी सेकंड ही आता था अक्सर पर वह मेहनती बंदा था मैंने उससे कहा दोस्त क्या करोगे पढ़ लिख कर नौकरी तो मिलने से रही तो वो बोला नहीं दोस्त नौकरी तो मिलत...