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The line of construction and destruction

The line of construction and destruction  हम घरों में हो तो जैसे भूकंप आये  ट्रेन में हो तो कहीं बम न फूट जाये  विमान में हों तो कब धमाका हो जाये  कहीं क्रिया कलाप में कुछ मिस न हो जाये  स्पर्श के रोमांस में कहीं जनाजा ही न निकल जाये आलिंगन में ही कहीं हो न जाये हम ध्वस्त  बीबी ही न हो कहीं आत्मघाती दस्ते की सदस्य  हर वक्त एक खतरा बना रहता है  निर्माण में जैसे विनाश छुपा रहता है निर्माण विनाश की रेखा कितनी पतली हो गई है फिजा बन चुकी है की हम सहमे फूलों से  तूफानी झंझावात का अंदेशा हो शीतल झोकों से  हंसी हो गई दानवी अट्टहास  मुस्कान विषैली सी  संगीत भोंडा राग बेसुरे  सब्नम बन चुकी एक बूँद आग की  अमृत में विष जीवन में मृतु  साम्यावस्था से है हम परे  सर्वत्र घृणा अवसाद आतंक के खतरों से है हम घिरे  पाप कोई करे पर सभ्यता निर्दोष बच्चे मानवता मरे  अडिग धरती लगती एक बारूद का ढेर  छाया मौत का सन्नाटा  घरों इमारतो भब्य महलों में फैला एक मौत का साया...