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Suni Sunai baaten bhooton ki

सुनी सुनाई बाते भूतों के बारे में कभी कभी मेरे दिल में कुछ बातें सुनी सुनाई बाते भूतों के बारे में याद आती । मेरे दादा कहते थे एक बार वो दोपहर के समय खेत में लेटे हुए थे सहसा आख लग गई । थोड़ी देर के बाद आँख खुली तो देखा कोई आ रहा है और उसके हाथ में बड़ा सा भाला था और वो लगभग १० फुट लम्बा था । उसे देख कर दादा जी घर की ओर दौड़ पड़े तब तक दौड़ते रहे जब तक घर नहीं आ गया फिर जब पीछे मुड़कर देखा तो केवल धुवाँ ही धुवाँ था । वही भूत उनको दुबारा भी मिला एक पेड़ पर बैठा था भूत तो ऊपर बैठा था और उसके पैर जमीन तक थे । इसी तरह छुटपुट घटनाएँ कई बार हुई उनके कहने पर मैं भी कई बार पेड़ के पास गया दोपहर को खेतों में लेटा पर मुझे तो कभी भूत नहीं दिखाई दिया तो मैंने सोचा सायद यही कहानी हर दादा की हो और मुझे भी भूत देखने के लिए दादा बनने तक इन्तेजार करना पड़ेगा ।

Story of Ghost

कहानी भूतनी की एक गाँव का नाम था भंगवा | भंगवा गाँव में एक छोटा सा जंगल था वहां रात को कोई नहीं जाता था | सब कहते थे वहां एक भूतनी रहती है जिसे गाँव वालों ने कई बार देखा | उसी गाँव में एक मंगू नाम का नाइ भी रहता था वो किसी भूत वूत से नहीं डरता था | रोज आस पास के गाँव में बाल काटने जाता था और साम को उसी जंगल के रास्ते घर वापस आ जाता था | कभी कभी उसे भी थोड़ी बहुत आवाज आती थी पर कोई दिखाई नहीं देता था | एक दिन मंगू को लौटने में देर हो गई पहले सोचा रात को कहीं रुक जाऊं फिर सोचा डर किस बात का बस जंगल पार करते ही घर आ जायेगा | मंगू की शादी नहीं हुई थे इसलिए वो और भी निडर रहता था पर जंगल पहुँचते पहुँचते रात के १२ बज गए | अब भूतनी का टाइम भी सुरु हो रहा था | थोड़ी दूर चलने पर मंगू को कुछ रोने की आवाज सुनाई दिया पीछे मुड़कर देखा तो कुछ नहीं था | थोड़ी दूर और चलने पर उसे सामने से एक औरत जाते हुई दिखाई दी फिर मंगू ने उसे आवाज दी फिर पलक झपकते ही वो औरत गायब हो गई | ऐसी लुका छुपी थोड़ी देर चलती रही पर मंगू डरा नहीं और चलता रहा अब वो जंगल के बीचोबीच आ गया था रात एक दम से काली रात थी उस दिन दु