बच्चे भगवान का रूप होते है ऐसा अक्सर सुना जाता है पर ऐसा होता क्यों है बड़े भगवान का रूप क्यों नहीं होते है । इसका सीधा कारण है हम जो कुछ भी करते है वो हमारे स्वार्थ से जुड़ा होता पर बच्चे बड़े भोले होते उन्हें अपने ब्योहर से कुछ लेना देना नहीं होता है । अगर हमें कोई कुछ उल्टा सीधा बोल दे तो हम क्रोधित हो सकते है बदला ले सकते है पर बच्चे थोड़ी देर नाराज होते है फिर भूल जाते है और अपने खेल कूद में लग जाते है मेरी बेटी का नाम आशी है कई बार में उसे डांट देता तो भी थोड़ी देर नाराज होकर फिर से खुस हो जाती और दुखद माहोल को खुशमय बना देती है और हमारे बड़े हमें डांट दे तो दो दिन तक मूड ख़राब रहता है । बच्चे कितने मासूम होते है आप कितने भी थके हारे घर पर आओ पर अपने बच्चे की एक मुस्कान आप की थकान दूर कर देती है । उनकी छोटी छोटी सैतनिया आपको बीमार नहीं होने देती है । हम बड़ों के दिलों में कई विचार होते है पर बच्चे दिल के सच्चे होते है । उनके मन में कोई विकार नहीं होता उनकी भावनाएं बिलकुल पवित्र होती है बच्चा जितना छोटा होता है उतना ही विचारो का पवित्र । भगवन हमेश सच्चे लोगों के ज्यादा करीब ...
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