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Aise gujra pahla anubhav

ऐसा गुजरा पहला अनुभव जब में छोटा बच्चा था अक्ल का थोडा कच्चा था . जब में पहली बार बस में बैठा तो मुझे नहीं पता था की सीट पे बैठा जाता है या नीचे में पहली बार नीचे ही बैठ गया तो भाई बोला सीट पे बैठो. तब पता चला की सीट किस लिए होती है. जब में छोटा बच्चा था अक्ल का थोडा कच्चा था. जब मैंने पहली बार फिल्म देखी फिल्म का नाम था होली आई रे मुझे पता नहीं था फिल्म क्या होती है जब मैंने परदे पर देखा तो बड़े बड़े आदमी देख के डर गया . तो भाई बोला दरो नहीं असली नहीं है थोड़ी देर के बाद कुछ आदमी दौड़ रहे थे में सीट से खड़ा होकर भागने वाला था तब भाई ने रोका बोला डरो नहीं वही रहेगा यहाँ नहीं तब पता चला की फिल्म क्या होती है जब में छोटा बच्चा था अक्ल का थोडा कच्चा था. एक बार में मंदिर में बैठा था तभी कुछ लोग बैठे थे पूजा चल रही थी देवी नाच हो रहा था एक आदमी के ऊपर देवी आ गई वो कूदने लगा में डर गया पर बाद में लोगों ने बताया ये तो सब नाटक होता है इनका असली नहीं. जब में छोटा बच्चा था अक्ल का थोडा कच्चा था में भैंस को लेके घास के लिए जाता था कुछ सैतान बच्चे भी आते थे वो मुझे लड़ने के

My friend moti has been died

मेरा मोती मारा गया एक बार की बात है मई उस समय बहुत छोटा था हम काफी गरीब थे मेरे पापा उस समय पढाई कर रहे थे और घर से बाहर थे . में और मेरी मम्मी घर पे थे हमारा घर एकांत में था चोर भी आते थे हमने एक कुत्ता पला था घर की रखवाली के लिए. चोरो के घर भी पास में थे उनके कई सरे कुत्ते थे जो दिन में एके मेरे मोती से लड़ाई करते थे. पर मेरा मोती किसी दुसरे कुत्ते को घर में घुसने नहीं देता था भले ही वो लहू लुहान क्यों न हो जाये. रात को चोरो की भी घर में घुसने की हिम्मत नहीं होती थी. चोर परेसान हो गए थे क्यों की वो चोरी नहीं कर पा रहे थे. एक दिन एक चोर ने मेरे मोती को भाला माँर दिया. हमें सुबह मालूम पड़ा मोती मर गया पर चोरी नहीं होने दी . मुझे मेरा मोती बहुत याद आता है. पर ऐसे शेरदिल कुत्ते अब कहाँ है वो जमाना ही बहुत पुराना था .

Ye aag kab bujhegi

ये आग कब बुझेगी ? आप सोच रहे होंगे मई कौन से आग की बात कर रहा हूँ ! में अपने और आप के अन्दर के आग की बात कर रहा हूँ! हमारे अंदर कितनी आग है जिसे हम नहीं जानते फिर भी वो है. एक आग है कम वासना की जो की प्रकिर्तिक है और रहेगी ! संसार चल रहा है इस आग से! दूसरी आग है नसे की जो की सभी में किसी न किसी रूप में होती है ! कोई चाय तो कोई कोफ़ी कोई सिगरेट तो कोई सरब कोई कम तो कोई ज्यादा यह सब ऐसी आग बन चुके है जो कभी नहीं बुझ सकते हमेशा रहेंगे और इससे हमारा ही नुकसान होना है और हम कर के रहेंगे. मुझे इन आगो से सिकायत नहीं है क्यों की इससे हमर ही नुकसान होता है किसी और का नहीं ? मुझे सिकायत है इसके आलावा एक और आग से जो की बहुत ज्यादा फैल चूका है! वो है मांसाहार की आग. और ए आग कब बुझेगी ? किसी ज़माने में फसल नहीं होती थी तो इंसान मांस खा के कम चला लेता था फिर इंसानों ने अपना रहन सहन बदला शिक्षा में विकास किया भाषा में बदलाव किया रीती रिवाज बदले ? फिर भी नहीं बदला तो मांसाहार हम कल भी खाते थे आज भी खाते हैं. अरे अब तो इन पशुओं को अपनी लाइफ जीने दो इन्हें भी जीने का हक़ है . भगवन की नजर

Vichar vimarsh

विचार विमर्श आज का जीवन कैसा है कभी कभी मई सोचता हो की आज कल की जिंदगी कैसी हो गई है . सुबह उठाना नहाना और ऑफिस जाना फिर खाना खान और फिर सो जाना! क्या यही जिंदगी है ! हम जिंदगी की दौड़ में अपनी जिंदगी खो देते है. दौड़ते कब बुद्धे हो जायेंगे पता ही नहीं चलेगा. किशी सायर ने कहा है जिन्दगी जिन्दा दिली का नाम है मुर्दा दिल क्या खाक जिया करते है. मेरे पापा कहते थे जितना तुम अपनी जिंदगी से प्यार करोगे जिंदगी उतनी ही खुबसूरत लगेगी. इसलिए कुछ भी करो पर सब से पहले खुद से प्यार करना सीखो. दूसरी बात की कुछ भी करियर अपनाओ पर मुस्कराना पहले सीखो. झुकना भी सीखो क्यों की झुकते है वाही जिसमे जन होती है वर्ना अकड़ना तो मुर्दों की पहचान होती है.

Working on Microsoft dynamics Axapta ERP is challenging

Working on ERP is challenging Why it is challenging? you will know by my following description. This time I am working in Mumbai . That company have lot of project and technical persons for development works are very less. I am already allotted for three project. So workload is very much high. Person belongs to Axapta development is very less in India so lot of companies project, work but there is no good skilled person. So they hire more fresher to trained them when they trained then they resign because they go opportunity at other companies so pending work always done by existing key person. This type of challenges facing most of IT companies. I got treatment from boss daily but I am still working with high pressure environment I know one day i will realize my ability. Good confidence and interest needed during work to handle clients. Sometime I think Its better if I do some own business. At least I will release from daily tension. With tension life is going silly.