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मनपसंद


मनपसंद

खुद को कर बुलंद इतना,खुद को कर बुलंद इतना की खुदा बन्दे से खुद पूछे बता तेरी है क्या रजा |

झुकते है वही , जिसमे जान होती है |झुकते है वही , जिसमे जान होती है, वर्ना अकड़ना तो मुर्दों की पहचान होती है |

बकरी पाती  खात  है ताकि काढी खल जो नर बकरी खात है ताको कौन हवाल |

जब मै था तब हरी नहीं जब हरी है मै नहीं सब अँधियारा मिटा गया जब दीपक देख्या माहि |

सारे संसार में दो तरह की दिक्कतें होती है एक जब हम आज महसूस करते है एक भविष्य में और सभी दिक्कते इन दो तरह की दिक्कतों में ही रहती है क्यों की सबका मालिक एक है और हमें जीवो पर दया करनी चाहिए |

अगर तुम तेष में आकर मेरा खात फाड़ भी डालो ,अगर तुम तेष में आकर मेरा खात फाड़ भी डालो ,तो मेरे खात के टुकड़े तुम्हारे कदम चूमेंगे |

प्यार से पहले सेक्स करने से प्यार परवान नहीं चढ़ता |

कुछ ऐसा करो की भीड़ तुम्हारे पीछे भागे नाकि तुम भीड़ के पीछे |

जब हर तरफ अँधेरा दिखाई दे तो समझ लेना उजाला आने वाला है |

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