To read part one of this story visit here
बदमाशों का संगम भाग एक
बदमाशों का संगम भाग दो
जैसा की मैंने पहले भाग में कुछ लडको के बारे में लिखा था जैसे की दिवाकर , राणा , धीरज, जीतू, आशो इत्यादि | ऐ सुबह दस बजे के बाद स्कूल में आ जाते थे और दादागिरी शुरु कर देते थे | कभी किसी की पिटाई की तो कभी किसी लड़की को छेड़ते थे कुछ न कुछ तो चलता ही रहता था | सभी कुछ ना कुछ धूम्रपान करते थे कोई गुटके का सौकीन तो कोई सिगरेट और कोई बीडी या तम्बाकू का |
दिवाकर उनमे से नंबर एक नशेडी था जब देखो तो खुटका मुह में रहता था | सभी का कुछ न कुछ गपसप चलता रहता था | एक सीधा साधा लड़का था जो की इन सब के बारे में नहीं जनता था एक दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठा था उसका नाम जगन था | थोड़ी देर बाद राणा आकर उससे गली गलोच करने लगा पर जगन को मालूम न था की राणा गुंडा है वो उससे लड़ने भिड़ने लगा | राणा को गुस्सा आ गया और चाकू निकल लिया उसे मारने के लिए | अब जगन डर और डर के भैया भैया चिल्लाने लगा | राणा ने छुरा पेट तक लाते लाते हाथ रोक लिया और हंसने लगा |
ऐ सब नजारा मै भी देख रहा था | ऐसे ही न जाने कितने कारनामे ये सब लोग रोज रोज करते थे | धीरे धीरे जीतू की गुंडागर्दी भी बदती गई फिर एक दिन सुनने में आया की जीतू ने किसी मास्टर का खून कर दिया और जेल चला गया हमने कहा चलो एक गुंडा तो कम हो गया | पर राजनितिक पकड़ होने के कारण कुछ महीने में जीतू छूट गया पर अब वो स्कूल नहीं आता था क्यों की वो बड़े बड़े काम करने लगा था और राजनेताओं का साथ करने लगा जिससे की पैसे भी आते थे और हवालात जाने पर छूट भी जाता था |
इधर दिवाकर को किसी ने गोली मार दिया वो मारा नहीं कई दिन हॉस्पिटल रहने के बाद ठीक हो गया पर इसके बाद उसने स्कूल आना बंद कर दिया और कोई बिज़नस शुरु कर दिया | राणा का आना जाना जारी था पर वो किसी लड़की से प्यार भी करता था | राणा बेचारा किस्मत का मारा था लड़की किसी और के साथ भाग गई इस गम में राणा ने फांसी लगा लिया |
धीरज बहुत कम ही आता था | मशाला या गुटखा खाते खाते उसे कुछ हो गया तो ऑपरेशन करना पड़ा | उसका सरीर बहुत कमजोर हो गया था उसकी शादी भी हो गई थी पर कमजोर शारीर ने उसका साथ न दिया और वो भी चला गया स्वर्गलोक |
आशू की कहानी तो बहुत बड़ी है जो की मै अलग से एक पार्ट में लिखूंगा तब तक आप लोगों को इंतजार करना पड़ेगा.
To read story of aashu visit this link
आशू की कहानी
गुंडों के आशियाने तो आज भी लगते है पर अब इन गुंडों में वो बात कहाँ जो उनमे था |
बदमाशों का संगम भाग एक
बदमाशों का संगम भाग दो
जैसा की मैंने पहले भाग में कुछ लडको के बारे में लिखा था जैसे की दिवाकर , राणा , धीरज, जीतू, आशो इत्यादि | ऐ सुबह दस बजे के बाद स्कूल में आ जाते थे और दादागिरी शुरु कर देते थे | कभी किसी की पिटाई की तो कभी किसी लड़की को छेड़ते थे कुछ न कुछ तो चलता ही रहता था | सभी कुछ ना कुछ धूम्रपान करते थे कोई गुटके का सौकीन तो कोई सिगरेट और कोई बीडी या तम्बाकू का |
दिवाकर उनमे से नंबर एक नशेडी था जब देखो तो खुटका मुह में रहता था | सभी का कुछ न कुछ गपसप चलता रहता था | एक सीधा साधा लड़का था जो की इन सब के बारे में नहीं जनता था एक दिन पीपल के पेड़ के नीचे बैठा था उसका नाम जगन था | थोड़ी देर बाद राणा आकर उससे गली गलोच करने लगा पर जगन को मालूम न था की राणा गुंडा है वो उससे लड़ने भिड़ने लगा | राणा को गुस्सा आ गया और चाकू निकल लिया उसे मारने के लिए | अब जगन डर और डर के भैया भैया चिल्लाने लगा | राणा ने छुरा पेट तक लाते लाते हाथ रोक लिया और हंसने लगा |
ऐ सब नजारा मै भी देख रहा था | ऐसे ही न जाने कितने कारनामे ये सब लोग रोज रोज करते थे | धीरे धीरे जीतू की गुंडागर्दी भी बदती गई फिर एक दिन सुनने में आया की जीतू ने किसी मास्टर का खून कर दिया और जेल चला गया हमने कहा चलो एक गुंडा तो कम हो गया | पर राजनितिक पकड़ होने के कारण कुछ महीने में जीतू छूट गया पर अब वो स्कूल नहीं आता था क्यों की वो बड़े बड़े काम करने लगा था और राजनेताओं का साथ करने लगा जिससे की पैसे भी आते थे और हवालात जाने पर छूट भी जाता था |
इधर दिवाकर को किसी ने गोली मार दिया वो मारा नहीं कई दिन हॉस्पिटल रहने के बाद ठीक हो गया पर इसके बाद उसने स्कूल आना बंद कर दिया और कोई बिज़नस शुरु कर दिया | राणा का आना जाना जारी था पर वो किसी लड़की से प्यार भी करता था | राणा बेचारा किस्मत का मारा था लड़की किसी और के साथ भाग गई इस गम में राणा ने फांसी लगा लिया |
धीरज बहुत कम ही आता था | मशाला या गुटखा खाते खाते उसे कुछ हो गया तो ऑपरेशन करना पड़ा | उसका सरीर बहुत कमजोर हो गया था उसकी शादी भी हो गई थी पर कमजोर शारीर ने उसका साथ न दिया और वो भी चला गया स्वर्गलोक |
आशू की कहानी तो बहुत बड़ी है जो की मै अलग से एक पार्ट में लिखूंगा तब तक आप लोगों को इंतजार करना पड़ेगा.
To read story of aashu visit this link
आशू की कहानी
गुंडों के आशियाने तो आज भी लगते है पर अब इन गुंडों में वो बात कहाँ जो उनमे था |