दो दोस्त एक गाँव था नाम था हरिहरपुर वहां दो किसान रहते थे एक का नाम था हरिया और दुसरे का नाम रामलाल दोनों में गहरी दोस्ती थी और खेती में भी एक दुसरे की मदद किया करते थे पर दोनों गरीब बहुत थे | हरिया का एक बेटा था जो शहर में रहता था कभी कभी बेटे की चिठ्ठी आ जाती थी | दिन गुजरता गया इस बार फसल अच्छी हुई गाँव में खुशहाली सी छा गई | हरिया ने अनाज की कुछ बोरिया बेटे को सहर भी भिजवा दिया | कुछ दिन बाद बेटे की चिठ्ठी आई उसमे उसने अनाज भेजने का सुक्रिया अदा किया था | गाँव के खेतों में नहर से पानी आता था नहर मुखिया के कब्जे में था जिसको पानी चाहिए होता था पैसे देकर पानी लेता था इस तरह मुखिया की कमाई भी हो जाती थी | एक साल और बीत गया | इस बार गाँव में सूखा पड़ गया नहर में भी बहुत कम पानी बचा था मुखिया ने पैसे बहुत बाधा दिए | हरिया और रामलाल के पास इतने पैसे न थे | फसल की सिचाई भी बाकी थी जो कुछ भी था दोनों ने मिलकर मुखिया को धन दिया पर धन कम होने के कारन आधे खेत ही सिचाई हो पाई | फिर क्या था बाकि खेत की सिचाई होनी जरूरी थी इसलिए दोनों ने फैसला किया की घर के कुवें से पानी ले जाकर सिच...