Skip to main content

Unemployment

बेरोजगारी

मेरी चाह है येही की मेरी कविता में दम हो , थोड़ी ख़ुशी ,थोड़ी हंसी और मरहमी गम हो |
बात है उनकी जिन्हें है किसी की तलास , करते है कोसिस नहीं छोड़ते आश |
भरतें है आवेदन देतें है इन्तहान लेकर एक आशा , फिर आता है परिणाम हाथ आती है निराशा |
बड़े देते है अस्वासन कि बेटे हिम्मत मत हार , कोसिस कर बार बार |
यूँ तो ढांढस बढ़|ने का सिलसिला चलता ही रहता है , सबकुछ हो गया ख़त्म मै हो गया पूरी तरह से बेरोजगार अंत में ऐसा लगता है |
फिर एक दिन पुस्तकालय में जा कर दो लाइन पढता हूँ जो कि मै आपको अपने सब्दो में बयां करता हूँ |
"गर न मिले नौकरी तू फिर भी बन बन्दा , छोड़ दे ये नौकरियां कर ले कोई धंधा "
पुस्तकालय से बहार निकला तो एक भिखारी कटोरा लिए खड़ा था |
पीछा छुड़ाने के लिए मैंने उससे कहा जाओ बाबा छुट्टे नहीं है , बाबा बोले बेटा दस रूपये दान कर दो तो छुट्टे मिल जायेंगे |
मै बोला दस तुझे दूंगा तो मै क्या करूँगा , ९० रूपये में तो ९ दिन कट जायेंगे १० वे दिन क्या करूँगा |
बाबा बोले बेटे तेरा तो बुरा हाल है बेरोजगारी कि तू एक बड़ी मिसाल है |
मुझे आई थोड़ी सरम दिमाग हो गया गरम , पर कुछ बोला न गया , रात में तो सोया भी न गया |
पत्रिका कि बात मुझे याद थी ,नौकरी कि जगह धंधे कि तलाश थी |
पर पिताजी बोले बेटे धंधा तो तू कभी भी कर सकता है सुरु , अभी उम्र नौकरी कि है तू फिर से कर नौकरी अभियान सुरु |
मुझे पिताजी कि बात अच्छी लगी , धंधा कुछ समझ में न आया , नौकरी का रास्ता ज्यादा भाया |
भूलकर पुराणी काया , हिरदय में नया जोश लाया |
अगले दिन एक पत्र आया , एक कंपनी के मेनेजर ने मुझे बुलाया |
मै ख़ुशी खुसी अगले दिन पहुच गया कंपनी में पर चपराशी ने मुझे मेनेजर से चार घंटे बाद मिलवाया |
जब नौकरी कि शर्तें मेनेजर ने समझाया , तो मै उलटे पांव घर लौट आया |
मै फिर वहीँ पुराने ढर्रे पर , पिताजी ने फिर समझाया कि बेटे कोसिस कर बार बार हिम्मत मत हार |
एक साल तो यों ही निकल गया अगले साल तो मै और भी ज्यादा फिसल गया |
इस निकम्मी बेरोजगारी में एक लड़की पर आ गया दिल , मेरे पास थी डिग्री इस उम्मीद में कि नौकरी तो मिल ही जाएगी ,शादी को हाँ कह दी |
लड़की पैसे वाली थी मेरी कडकी में धनि लड़की , लगा कि अब तो चल पड़ी अपनी जिंदगी ,
जल्द ही हो गई शादी, पैसो से हुई थोड़ी आबादी ,
शाल भर तो आराम से कट गया , अगले शाल हिरदय का अंधकार हट गया |
बीबी खर्चीली थी जल्द हो गया मैदान सफाचट ,बीबी रहने लगी नाराज होने लगी खटपट|
अंत में तेष में आके खूब सारे अबेदन पत्र भर डाले , कुछ दिन किया इन्तजार, फिर आये कुछ interview काल |
इसबार असफल नहीं हुआ | क्लार्क कि जगह चपराशी कि नौकरी मिल ही गई |
चलो हो गया बीबी के खर्चे का इंतजाम , पीछा छोटा बेरोजगारी से मिला काम ही काम |
चपराशी था मै इस बारे में सिर्फ पिताजी को था मालूम , बाकी लोगों से लड़ाया क्लार्क का जाम |
बीबी को थी खुसी पर मै था pareshan , परेशानी का कारन अब बदल चूका था |
पहले थी बेरोजगारी , अब थी रोजगारी |
२ साल तो सफाई से गुजर गए , बैंक में थोडा सा पैसे भी जमाया|
पैसा होने के कारन एक अच्छा सा इन्तेर्विएव दे आया |
बैंक से लोन लेकर मेनेजर वाली बात पूरी कर आया , मेनेजर ने मेरा मान बढाया |
कंपनी में ३०००० रूपये का पद भी दिलवाया |
तकदीर ने बदली अपनी काया , बेरोजगारी का छुट गया साया |
मिल गया धन और मिल गई घरवाली कि माया |
अगके दिन मंदिर में प्रशाद चढ़ाया , भगवन के सामने थोडा सा मुस्कराया |
भगवान् कि सायद यही थी इच्छा , मेरी जिंदगी कि ये थी सबसे बड़ी परीक्षा |
मैंने भगवन से मनाया कि मेरी केवल एक ही इच्छा , ऐसी न ले किसी कि परीक्षा |
बेरोजगारी से भगवान् बचाए , इन्सान बनाने से पहले रोजगार रचाए |
भगवान् बचाए | भगवान् बचाए |

Popular posts from this blog

Village vs city in form of poem

Sanskrit word meaning in Hindi for Profession,vegetables and other things

Watch Air show on Saudi National Day at Corniche Jeddah

You can watch below videos which Captured during visit at KSA Corniche Jeddah, Nice view from there. One more video I capture and you can view from YouTube. If you like above video do not forget to subscribe Youtube channel.