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Dost ki jubani

मेरा एक दोस्त था  वो पाच भाई थे  उस दोस्त का नाम जोगवीर था वो बहुत गुस्से वाला था ।  हर वक्त मुझसे झगड़ता रहता था एक बार मेरी उसकी बहस हो रही थी कि जब परिवार बड़ा हो जाता है तो झगड़े बढ़ते है और फिर बटवारा हो जाता है जमीन का और फिर मैने कहा तू तो पाच भाई है तुम्हारा तो बटवारा जल्द हो जायेगा ।

वो बोला नहीं हमारे भाइयों कि बीच कभी झगड़ा नहीं होगा ।  उस बात को २ ०  साल हो गए आज याद आया तो महसूस हुआ कि उसने उस दिन उसने प्रतिज्ञा करली थी कि भाइयों से कभी नहीं लड़ेगा ।  सच में आज भी सब मिलकर रहते है । सबकी अपनी अपनी दुकान और बिज़नस है ।

अगर मनुस्य ठान ले तो आज भी प्यार में ताकत वाली बात सिद्ध होती है  ।

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