गुपचुप इलाज मेरा एक दोस्त था उसका नाम डीपू था | पढ़ने लिखने मे बहुत ही तेज था | दसवी और बारहवी मे तो बहुत अच्छे नंबर से पास हुआ | अब स्नातक की डिग्री कर रहा था | एक दिन उसको हल्का बुखार हो गया मैने उससे कहा जाकर डॉक्टर को दिखा दो | पर वो नही गया और घर पर ही कोर्सीन लेकर खा लिया | सुबह उसका बुखार ठीक हो गया | वो बोला देखा कुछ नही था एकदम चनगा हो गया हूँ | कुछ भी हो तो वो ऐसे ही दवाई खाकर ठीक हो जाता था | ऐसे ही काफ़ी दिन तक चलता रहा | वो कमजोर होता जा रहा था | अभी वो होस्टल मे अकेले ही रहता था | एक दिन तो हद हो गई वो द्वा लेता तो बुखार उतर ही नही रहा था | बुखार आता तो खुद द्वा ले लेता तो बुखार उतर जाता पर फिर हो जाता | ऐसे ही एक महीने तक चलता रहा | एक दिन वो बेहोश हो गया तो दोस्तो ने उसे हॉस्पिटल पहुचा दिया | पर उसकी हालत खराब होती जा रही थी | उसके मम्मी पापा भी आ गये | सभी परेसांन हो रहे थे की अचानक ए कैसे हो गया | डीपू होश मे ही नही आ रहा था इसलिए कुछ पता ही नही चल पा रहा था | डीपू को एक हॉस्पिटल से दूसरे हॉस्पिटल मे शिफ्ट किया जा रहा था पर कोई फ़ायदा नही हो रहा था | ...