अलग अलग विचारधारा
हमारा देश भारत अलग अलग विचारधाराओं से ओतपोत है । कभी हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था और ये गुलामी कई सालों से थी परन्तु आज लोगों की विचारधारा यही है देश को आजादी महात्मा गांधी या भगत सिंह या फिर चंद्रशेखर आजाद जी ने दिलाई थी परन्तु मेरी तो विचारधारा ये कहती है की हमें सिर्फ कुछ नामों तक सीमित नहीं रहना चाहिए हमें उन सभी लोगों को भी साथ लेकर बोलना चाहिए जिन्होंने कही न कही कभी न कभी कुछ सहयोग दिया ।
कुछ के नाम तो गुमनाम ही रहे । अंग्रेजो से बहुत लम्बी लड़ाई चली कभी महारानी लक्ष्मीबाई लड़ी तो कभी टीपू सुल्तान तो कभी हैदर अली । योँ तो पूरा इतिहास आजादी की लड़ाई से भरी पड़ी है कभी अंग्रेजो से लड़ाई तो कभी मुगलों से । सहीद तो आज भी जवान कश्मीर में हो रहे हैं उनका भी योगदान इस देश के लिए काम नहीं है ।
कभी मंगल पाण्डेय ने आजादी की बिगुल बजाई थी तो उनको भी आजादी का श्रेय जाता है तो हम केवल एक दो नामों को लेकर अलग अलग विचारधारा क्यों रखते है । हर देश प्रेमी जो देश के लिए सहीद हुआ वो इस देश की आजादी की एक कड़ी है हमें आजादी के लिए एक दो नाम की जगह सभी के नामो के साथ एक कॉमन सब्द का उपयोग करना चाहिए ।
आज कुछ गंदे राजनीतिकारों ने देश को गन्दा कर रखा हम नौजवानो की जिम्मेदारी है की हम अपने देश की आजादी को बरक़रार रखें और जरुरत पड़ने पर गन्दी राजनीती और सिस्टम को उखाड़ फेंके।
जो स्वार्थी है वो देशभक्त नहीं हो सकता बलिदान ही देशभक्ति की पहचान है बलिदान और कुछ नहीं अपनी इच्छा शक्ति है जिसमे बलिदान की भावना हो ।
हमारा देश भारत अलग अलग विचारधाराओं से ओतपोत है । कभी हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था और ये गुलामी कई सालों से थी परन्तु आज लोगों की विचारधारा यही है देश को आजादी महात्मा गांधी या भगत सिंह या फिर चंद्रशेखर आजाद जी ने दिलाई थी परन्तु मेरी तो विचारधारा ये कहती है की हमें सिर्फ कुछ नामों तक सीमित नहीं रहना चाहिए हमें उन सभी लोगों को भी साथ लेकर बोलना चाहिए जिन्होंने कही न कही कभी न कभी कुछ सहयोग दिया ।
कुछ के नाम तो गुमनाम ही रहे । अंग्रेजो से बहुत लम्बी लड़ाई चली कभी महारानी लक्ष्मीबाई लड़ी तो कभी टीपू सुल्तान तो कभी हैदर अली । योँ तो पूरा इतिहास आजादी की लड़ाई से भरी पड़ी है कभी अंग्रेजो से लड़ाई तो कभी मुगलों से । सहीद तो आज भी जवान कश्मीर में हो रहे हैं उनका भी योगदान इस देश के लिए काम नहीं है ।
कभी मंगल पाण्डेय ने आजादी की बिगुल बजाई थी तो उनको भी आजादी का श्रेय जाता है तो हम केवल एक दो नामों को लेकर अलग अलग विचारधारा क्यों रखते है । हर देश प्रेमी जो देश के लिए सहीद हुआ वो इस देश की आजादी की एक कड़ी है हमें आजादी के लिए एक दो नाम की जगह सभी के नामो के साथ एक कॉमन सब्द का उपयोग करना चाहिए ।
आज कुछ गंदे राजनीतिकारों ने देश को गन्दा कर रखा हम नौजवानो की जिम्मेदारी है की हम अपने देश की आजादी को बरक़रार रखें और जरुरत पड़ने पर गन्दी राजनीती और सिस्टम को उखाड़ फेंके।
जो स्वार्थी है वो देशभक्त नहीं हो सकता बलिदान ही देशभक्ति की पहचान है बलिदान और कुछ नहीं अपनी इच्छा शक्ति है जिसमे बलिदान की भावना हो ।