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करे कौन भरे कौन

करे कौन भरे कौन मेरे  गांव  के पास ही एक दूसरा गांव  था उसका नाम लालपुर था । लालपुर में एक लाला जिसका नाम था जीवन । जीवन  के २ बच्चे थे एक लड़का और एक लड़की । दोनों की उम्र ६ और ९ साल की थी । एक दिन जीवन का बेटा  खेल रहा था और खेलते खेलते वो एक जीप में बैठ गया जो रुकी हुई थी । बेटे का नाम  ननकू था । ननकू  छुपम  छुपाई खेल रहा था इसलिए जीप में छुप गया था ।  लेकिन थोड़ी देर में ननकू को नींद लग गई और वो सो गया । जब उसकी आँख खुली तो जीप चल रही थी । इधर लालपुर मे जीवन अपने बेटे को ढूँढने लगा लेकिन काफी ढूंढने पे  भी ननकू कहीं नजर नही अाया तो समझ अाया की लगता है की ननकू खो  गया | १ दिन  बीत गया पुलिस मे रिपोर्ट भी की लेकिन कुछ भी पता न चला | ननकू के माता पिता परेशान हो गया |  उसी गाँव  मे एक बाबा रहता था उसका बड़ा नाम था | बाबा का नाम मिस्त्री बाबा था | लोगो ने जीवन को मिस्त्री बाबा के पास् जाने की सलाह दी | असल मे मिस्त्री बाबा ने जिनः सिद्धि की थी | उस जिन की मदद से सबका दुख दूर करते थे | जीवन मिस्त्री बाबा के पास गया औॉर अपना दुख बताया | मिस्त्री बाबा बोले की मै बता तो सकता हूँ की तु

Moh Effect and Side effect in life

मोह इस दुनिया में हर किसी को किसी न किसी वस्तु  से मोह है । किसी को बहुत सारी  चीजों का मोह तो किसी को कुछ चीजों का ।  देखा जाये तो हम हर वक्त मोह से घिरे रहते है । जिसे ज्यादा मोह वो जाता है वो भी दुखी रहता है और जो वैरागी है वो दूसरों के मोह से दुखी रहता है । एक माँ जो की अपने बच्चे से कितना ज्यादा मोह  करती है और अपने दिल में प्यार को महसूस करती है उसके बच्चे को कुछ भी हो तो कितना विचलित हो जाती है ।  कुछ मोह जो बिलकुल दिल से किये जाये वही  प्यार बन जाता है । किसी को नौकरी से मोह तो किसी को कंपनी से मोह किसी को बातों का मोह तो किसी को मोबाइल का मोह किसी को खिलौनों से मोह  तो किसी को  किताबों से मोह । जहाँ तक हम अपने शरीर से जुडी हर एक वस्तु  से मोह करते है । जो कपडे पहनते है सोचते है जितना ज्यादा चले उतना अच्छा है पुरानी हो जाने पर भी ठीक से रख देतें है या तो घर में पहनते है । घर में रहते रहते खिड़की से बहार देखते देखते उस खिड़की से भी मोह हो जाता है की जिंदगी के किस मोड़ तक मैं ये खिड़की देखूंगा ।  अलग अलग सोच के साथ अलग अलग मोह उपज जाते है । ये मोह वक्त के साथ साथ हमें कितन