सन २०१२ की शुरुवात जापान से -क्या ये सच है
मैंने सभी को कहते सुना की सन २०१२ वर्ल्ड एंड होगा जिसकी शुरुवात जापान से हो चुकी है क्या ये सही है अगर हा तो फिर क्या सबकी जिंदगी के सिर्फ एक साल ही बाकी है अगर नहीं तो फिर सुनामी जापान में क्यों आ गया .. आया तो आया वो भी २०१२ से पहले आ गया.
फिर मै सोचता हूँ हा भाई ऐसा हो भी सकता है क्यों नहीं हो सकता इस जमी पर पाप बढ़ गया है और जब जब पाप बढता है तब तब या तो भगवान का अवतार होता है या फिर विनाश .
फिर मैंने अपने हिसाब से बहुत पॉइंट निकले जो की पाप है वो ये है
१. जिस गाय को हम माता मानते थे उसे तेजी से ख़तम किया जा रहा है और बीफ के नाम से बाजार में प्रोडक्ट उपलब्ध है.
२. भैंसे ,बकरे मुर्गे ये बाजार में सब्जियों से ज्यादा बिकते हैं और किशी का भी ध्यान इसे रोकने में नहीं पर बढ़ने में जरूर है. लोग जान से ज्यादा पैसा बचने में विस्वास करने लगें है.
३. जहाँ देखो इन्सान ही इन्सान है और लोग मांस खा के प्रकृति को संतुलन की बात कर रहे है पर जो संतुलन बिगड़ रहा है उसका क्या.
४. पेड़ पौधों को कट कर तेजी से मकान बन रहे है मशीनीकरण हो रहा है. जो की गलत है इसमें संतुलन होना चाहिए .
५.अगर किसी के पास पैसा है तो अपने आपको भगवान समझने लगता है और गलत काम जैसे सरब पीना , जुआ खेलना , बीबी को पीटना यही सब होता है .
६. बलात्कार जैसी घटनाएँ तो बहुत बढ़ रहे है बहुत केश तो भाई बहन के बारे में भी सुनने को आये है जो की महा पाप है.
७. सड़क पर दुर्घटनाएं आम हो गई है लोग कितने ही कुत्ते बिल्ली को रोज कुचल देते है जिनका कोई हिसाब किताब ही नहीं है और ऐसा करने वाले को कोई फिक्र ही नहीं.
अभी ऐसी एक दुर्घटना मुंबई में हुई मेरे सामने एक बिल्ली ने २ बच्चे का जनम दिया १० दिन बाद किसी गाड़ी वाले ने बिल्ली को कुचल के मार दिया बच्चे अकेले हो गए भूख के मरे तड़प रहे थे एक बच्चा भूख के कारन बहार निकला तो किसी ने उसे भी कुचल दिया.
दो दिन बाद दूसरा बच्चा भी बहार निकला मैंने देखा तो उसे दूध पिला दिया दो दिन पिलाया पर तीसरे दिन वो भी नहीं दिखा मुझे लगता है वो भी गया . पर ऐसी कितनी ही दुर्घटनाएं रोज होती है पर इन सभी का कोई हिसाब नहीं देना चाहता पर ऊपर वाला बहुत ताकतवर है वो बिना हिसाब लिए छोड़ेगा नहीं.
किसी न किसी रूप में इस दुनिया में पाप बढ़ रहा है पर न कोई सुनने वाला है और न ही कोई सुधरने वाला तो परलय तो आएगा ही न भाई .