Skip to main content

Byapaar ka mukhauta


ब्यापार का मुखौटा 

हमने सिरमौर जिन्हें बनाया था 
बनाके सूरमा सीने में बसाया था 
विभूषित किया था अनगिनत उपाधियों से 
पुरस्कृत किया था अर्जुन पुरस्कारों से 
प्रतिस्था के सोपान पर जिन्हें बिठाया था 
हाथों में जिनके तिरंगा मुस्कराया था 
अपार जनता से था जिनका अस्तित्व जगमगाहट 
तानकर करतल ध्वनी करती थी जिनका स्वागत 
तालियों से होता था अभिनन्दन अनुनाद गडगडाहट 
हमारे हिरदय कुसुम हमारे भास्कर ध्रुव तारे थे 
जब वो विजयी हो दिवाली पोंगल मानते थे 
उनकी जीत अपनी जीत माना था 
पराजय में भी सान्तवना प्रेरणा का स्वर उभरता  था 
जिस पैसे से मिल सकती थी रोटी मिट सकती थी भूंख 
उन खिलाडियों के दर्शनार्थ टिकट ख़रीदा था 
आह क्या खेल खेला हमारे 
उनका खेल अब हमारे मन पर है एक कुठाराघात 
आह क्या खेल खेला हमारे 
उनका खेल अब हमारे मन पर है एक कुठाराघात 
जहाँ जीत थी वहां हरे नपुंशक बनकर 
अपनी जीत का सौदा किया हमें हार  देकर 
इमान बेचीं अपनी हमारी भावनाओं का सौदा किया 
झोली भरली अपनी सोने से कैसा विस्वासघात किया 
उनका खेल महज एक दिखावा है 
देश के नाम पर कलंक , निर्लज्जता एक छलावा है 
उनका खेल महज एक दिखावा है 
देश के नाम पर कलंक , निर्लज्जता एक छलावा है 
सरम से डूबना तो दूर वे अपनी बेशर्मी का भी सौदा करते
कलंकित होकर भी सुर्ख़ियों में छाये रहते 
मैच फिक्सिंग के विकास पर बढ़ बढ़ के देते भासन 
न बन सके अब तक वे सामाजिक चेतना का कोपभाजन
गलबहियां डालें सुन्दरियों  के लीं पेप्सी के प्रचार में 
सी बी आई जब डाले छपा सोना निकले इनकी तिजोरिओं में 
यहाँ कोई न्याय नहीं सबकुछ है उल्टा पुल्टा 
मुर्दों को जिन्दा बनाये जिन्दो को मुर्दा 
धरती गगन में अराजकता का बोलबाला है 
धरती गगन में अराजकता का बोलबाला है 
जिन गद्दारों के गलों में होती थी रस्सी 
वह आज भी निश्चिंत बेदाग घूमता है 

यहाँ के शाशक नेता भी कुछ कम नहीं है 
ये खिलाडियों से भी बढ़कर है 
जनता है भूखी नंगी फुटपाथ रिक्शा झुरिओं सूखी हड्डियाँ 
उधर थिरकन मदिरा वासना और नर्तकियां 

जवानों की मिलती कारगिल में गोली 
इन्हें गुनगुने गद्दे की नरमी 
सर्वहारा को भरी पड़ रही है रोटी 
इनको हल्का पड़ रहा है सोना 
बह जाये निह्स्शायों का चमचा पतीला बाढ़  में 
पर ये करते मौजमस्ती पंचसितारों में 
त्रस्त है किसान करता है खुदकुशी 
ये करते बहस इलेक्ट्रोनिक गाँव अंतहीन दिवसपनो की 
बन अमानुष रहते कौवे से चौकन्ने 
बन अमानुष रहते कौवे से चौकन्ने 
ये प्रसव पीड़ा करुना ममता का सौदा करते है
जो पैदा न हुआ उस पर भी इनकी काली नजर 
ये नन्हे मुन्नों अबलाओं दर्द विवास्ताओं का भी सौदा करते है 
करते मंदिर मस्जिद का सौदा सौदा चर्च गुरुद्वारों का 
करते मंदिर मस्जिद का सौदा सौदा चर्च गुरुद्वारों का 
राम के नाम का सौदा सौदा आजाद भगत सुभाष के बलिदान का 
करते प्रतीक्षा कब किसी को दावानल लपेटे 
कब टूटे कोई पुल भीषण भोकंप बाढ़ आये
कोई घायल जवान देश की बेदी पर मिट जाये 
इनके लिए तो ये है सिर्फ सुअवसर सांत्वना के 
इनके लिए तो ये है सिर्फ सुअवसर सांत्वना के 
मगरमछी अश्रु दिखने अपना मन बहलाने के 
ये मनुष्य की बेदना करह का भी सौदा करते है 
करते लुटेरों से सुदा सौदा मौत के सौदागरों से 
देते लछेदार भासन हिंदी भाषा के उत्थान देशप्रेम के 
आड़ में कर लेते है सौदा जातिधर्म भाषा के ही नाम से 
देते लछेदार भासन हिंदी भाषा के उत्थान देशप्रेम के 
आड़ में कर लेते है सौदा जातिधर्म भाषा के ही नाम से 
अब तो दिशाहीनता कुछ है इसकदर 
सर्वत्र है कुसंस्कृत प्रचंड हलचल 
सत्य क्या है असत्य क्या है पाप क्या पुण्य क्या 
विवेक बुद्धि न्याय की नहीं कोई खबर 
अब जब तक अवतार न होगा 
भ्रस्ट सौदों का अंत न होगा 
ध्यान धारणा योग की बजती थी जहाँ डंका 
उस पवन भूमि का कलंक न धुलेगा
अब जब तक कृष्ण अवतार न होगा 
इस धरा का तार न होगा 
सत सुन्दर शिव की थी जो बगिया 
उस भारत माँ का उद्धार न होगा 
जब तक तेरा अवतार न होगा 
इस मात्रभूमि का तार न होगा 
जय हिंद जय भारत 

Popular posts from this blog

Village vs city in form of poem

Sanskrit word meaning in Hindi for Profession,vegetables and other things

Watch Air show on Saudi National Day at Corniche Jeddah

You can watch below videos which Captured during visit at KSA Corniche Jeddah, Nice view from there. One more video I capture and you can view from YouTube. If you like above video do not forget to subscribe Youtube channel.