Skip to main content

Rammu ki karastani ka phal


रम्मू की करास्तानी का फल


एक लड़का था उसका नाम रम्मू था वो बहुत गरीब था पर थोडा हरामी किस्म का इंसान था जिस घर में लड़की देखा बस लाइन मारना सुरु कर देता था | उसके इस हरकत से आसपास वाले बहुत परेशान थे क्योंकि ने बहु बेटी की चिंता था गाँव था सभी इज्जतदार लोग थे रम्मू सरीर से हट्टा खट्टा था कोई उससे लड़ना भी नहीं चाहता या यों कहले लड़ भी नहीं सकता था |

देखते देखते न जाने चुपके चुपके उसने कितनी लड़कियों की इज्जत का फलूदा कर दिया | ऐसा इसलिए हुआ क्यों की रम्मू लड़कियों को पटाने में माहिर था |

किस्मत अच्छी थी रम्मू की इतना सब कुछ होने के बाद भी कभी किसी के फंदे में नहीं आया |

दूर एक गाँव था जहाँ एक दबंग ठाकुर रहते थे उनकी एक लड़की थी जिसका नाम बिंदिया था | बिंदिया बुहुत चुलबुली थे एक दिन पुल्लो की नजर उस पर पद गई फिर क्या था लग गया उसके पीछे और धीरे धीर बिंदिया उससे सेट भी होने लगी |

एक दिन घर में बिंदिया अकेले थी और पुल्लो मौका देख के घुस गया बिंदिया से छेड़खानी करने लगा पहले तो बिंदिया ने काफी विरोध किया पर फिर उसके चुगल में फंसने लगे तभी दरवाजे पर दस्तक हुई रम्मू को हडबडाहट हुई बाहर कोई करीब के रिश्तेदार जी आ गए | इधर बिंदिया रम्मू को पीछे के दरवाजे से भागने को कहा पर काफी डेरे दरवाजा न खुलने से रिस्तेदार ने सोचा चलो पीछे के दरवाजे से कोसिस करता हूँ पीछे जाने पर उसने रम्मू को भागते देखा फिर क्या था वो रिश्तेदार सारा माजरा समझ गया और दौड़कर रम्मू को पकड़ लिया और कमरे में बंद कर दिया |

रम्मू हाथ जोड़कर बिनती करता रहा की उसने कुछ नहीं किया पर रिश्तेदार नहीं माना और घरवालों के आने का इन्तजार करने लगा फिर बिंदिया का भाई आ गया माजरा सुनने के बाद उसने रम्मू की धुनाई सुरु कर दी दोनों लोगों ने जीभर के धुनाई की वो लोहे के डंडे से | रम्मू के होश उड़ गए साँझ हो रही थे रात को बिंदिया के पिताजी आने वाले थे | तो अब रम्मू का क्या करना है ये तो पिता जी ही निर्णय लेंगे | पिताजी आये तो निर्णय ये हुआ की रम्मू को जान से मार दिया जाये फिर क्या था भाई ने तलवार निकल दिया पर उसी समय लाइट चली गई और अँधेरा हो गया तभी बिंदिया ने मौका देखा के कमरे की सिटकिनी खोल दी और रम्मू को भाग जाने को बोला रम्मू की हालत अधमरे जैसी थी फिर भी जीने का आखिरी मौका देख कर पूरी ताकत लगा कर भागा और एक खेत में घने झाड़ियों में छुप गया |

फिर लाइट आ गई कमरे में जाकर भाई ने देखा रम्मू तो भाग गया सारा माजरा समझते देर न लगी बिंदिया के पिताजी ने बिंदिया को जोर का तमाचा लगा दिया |

फिर रम्मू को पुरे गाँव में खूब खोजा पर वो नहीं मिला | उसके बाद रम्मू के गायब हो जाने की खबर पूरे गाँव में हो गई रम्मू के घर वालो ने रिपोर्ट लिखा दी पोलिसे आ गई केस बना पर ले दे कर जमानत हुई सबने सोचा की रम्मू मार चुका है पर एक साल बाद रम्मू को गाँव में फिर देखा गया पोलिसे केस और फालतू के पचड़ो से बचने के लिए दोनों पार्टी में इस बात पर सुलह हो गई की रम्मू की पिटाई चोरी करने के कारन की गई न की इश्कबाजी में |

रम्मू अब सुधर चुका था बिलकुल साधू महात्मा जैसा ब्योहार करने लगा था लड़कियों को तो नजर उठाकर भी नहीं देखता था क्यों की जैसे को तैसा जो मिल चुका था |

Popular posts from this blog

Village vs city in form of poem

Sanskrit word meaning in Hindi for Profession,vegetables and other things

Watch Air show on Saudi National Day at Corniche Jeddah

You can watch below videos which Captured during visit at KSA Corniche Jeddah, Nice view from there. One more video I capture and you can view from YouTube. If you like above video do not forget to subscribe Youtube channel.