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Railway Reservation system always in waiting for a gentleman

में कुछ हिंदुस्तान के रेलवे टिकट बुकिंग सिस्टम के बारे में लिखना चाहता हूँ । कितना भ्रश्ट हो चूका है रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम । ऐसा लगता है यह सिस्टम आम आदमी के लिए है ही नहीं जब भी टिकट बुकिंग करने जाओ वेटिंग में ही मिलता है आम आदमी करे तो क्या करे । लोगों को वार्तालाप करते देखा की एजेंट से टिकेट बुक कराओ तो तुरंत कन्फर्म मिल है खुद करने जाओ तो वेटिंग में ।

ये तो सरासर न इंसाफी है । आखिर आम आदमी के साथ ही ऐसा क्यों होता है । हमेशा हम और आप ही क्यों मजबूर होते है । ४ महीने पहले टिकेट बुक करने के बाद भी कन्फर्मेशन का इन्तजार क्यों रहता है ।

में कहता हूँ पैसा ज्यादा चाहिए तो लो पर टिकेट कन्फर्म तो दो हमेशा एजेंट ही क्यों आम आदमी से ऊपर रहता है । नए नियम आते है जाते है कहते है अब एजेंट की अब नहीं चलेगी लेकिन बाद में भी वेटिंग की पोजीशन वही की वही रहती है बल्कि मुस्किले और भी बढ़ बढ ज़ाती है ऐसा क्यों ।

आखिर कोई अन्ना इस के लिए आन्दोलन क्यों नहीं करता । सब अपनी राजनीती खेलते रहते है । कन्फर्म टिकेट तो एक सपने जैसा हो गया है । हमारे खाते में तो पलता है बस इंतजार । हमें इन्तजार रहेगा रेलवे रिजर्वेशन सिस्टम के करप्शन के मिटने का क्या आप को भी है इंतजार ।

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