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Municipality Office-Story of correction in Birth Certificate

मुन्सिपलिटी ऑफिस  मैं  आप लोगों से १ घटना बताना चाहता हूँ जो हाल ही में घटित हुई मुझे मेरे बेटे की जन्म सर्टिफिकेट में एक सुधार करवाना था स्लैश के जगह पर १ हो गया था     ।  मै  पूरी बातें लिखता हूँ विस्तार से ।  मुन्सिपलिटी अफसर - क्या काम है ।  मैं  - सर एक करेक्शन करवाना है ।  मुन्सिपलिटी अफसर - ठीक है दिखाओ ।  मै - ये लीजिये सर ।  मुन्सिपलिटी अफसर - कल आ जाओ रिकॉर्ड चेक करके बताऊँगा ।  अगले दिन में फिर गया ।  मुन्सिपलिटी अफसर -  देखो मैंने रिकॉर्ड चेक कर लिया है फॉर्म में गलती थी । हॉस्पिटल वालों ने गलत लिख दिया था ।  मैं - ठीक है सर तो अब करेक्ट कर दीजिये ।  मुन्सिपलिटी अफसर -  ठीक  है पर एक तुम्हारा पासबुक और तुम्हारी   पत्नी के बैंक   पासबुक का ज़ेरोक्स लगेगा । कल ले के आ जाओ ।  मै  घर आ गया पता चला वाइफ का तो बैंक अकाउंट ही नहीं है फिर मैंने वाइफ का तो बैंक अकाउंट खुलवाया ।  और एक सप्ताह के बाद फिर गया मुन्सिपलिटी ऑफिस।  मैं -  सर , ...

Deewali me Diwala

दिवाली में दिवाला  दिवाली  हिन्दुओं का विशेष त्यौहार है । दिवाली की छुट्टी का इंतजार  सभी को रहता है । परन्तु आज की डेट में इंसान की दिवाली का दिवाला हर  तरफ से निकल जाता है ।  आप कहोगे कैसे वो ऐसे पहले तो जो  दूर रहते है उनको ट्रैन की टिकट की दिक्कत । टिकट बुकिंग स्टार्ट होते ही ख़त्म हो जाती है और वेटिंग में यात्रा करने पर तो हाल बेहाल हो जाता है । जो अमीर है वो तो एयरोप्लेन  का टिकट ले लेते है बाकी ट्रैन में ऐसे जाते है जैसे कसाई बकरे को गाड़ी में ठूंस कर ले  जा रहा हो ।  फिर हर चीज महँगी हो गई है ।  एक फुलझड़ी का पैकेट भी १०० रुपए से कम का नहीं होता है । और १०० रूपये का मतलब किसी गरीब के एक दिन की कमाई । अगर एक गरीब इंसान दिवाली  मानना चाहे तो वो अपने आप से बैमानी  करेगा ।  बच्चों के कपडे के भाव तो आसमान छू  रहे है एक सिंपल ड्रेस १००० रूपये  की होती है । हर एक कदम खर्चे से भरे होतें । दिवाली  खुसी का त्यौहार है पर आजकल  की  दिवाली इंसान को हंसने का मौका ही नहीं देती है ।  अमीरों का त...

How I started blogging

जब मैंने  स्नातक की डिग्री पास कर लिया तो  मैंने सोचा कि अब आगे मै क्या करूँ थोड़ा थोड़ा मुझे लिखने का भी शौक था तो कभी कभी कुछ लिख लिया करता  था मुझे लगता है फिर कुछ दिनों बाद मैंने मास्टर डिग्री कंप्यूटर में किया मैं सोचता था कि चलो कुछ इंटरनेट से पॉकेट मनी कमाने का जरिया निकला जाये तो गूगल में कुछ न कुछ सर्च किया करता था । मुझे बहुत सारी  वेबसाइट मिली पर थोड़े दिन काम करने के बाद पता चला की ज्यादातर गलत वेबसाइट थी फिर मुझे के आर्टिकल की साइट मिली वह साइट रियल थी और आर्टिकल लिखने का पैसा देती थी वहां काम करके मैंने थोड़े बहुत पैसे कमाएं पर वो बहुत कम  होते थे  उसके बाद मैंने गूगल ऐडसेंस के बारे में सुना तो ब्लॉग लिखकर अप्लाई कर दिया परन्तु गूगल ने मेरे साइट्स को रिजेक्ट कर दिया ।  इस तरह कई बार अप्लाई करने पर अंततः सफलता हाथ लगी और तब से मेरा उत्साह बढ़ गया आज तक में ब्लॉगिंग के काम को आगे बढ़ा रहा हूँ और मुझे लगता है की एक दिन सफलता बढ़ेगी और मेहनत का फल मिलता जायेगा ।  पहले तो एक ब्लॉग साइट से सुरुवात की पर धीरे धीरे ७ ब्लॉग साइट खोल लिए उसमे से...

Chori

चोरी बहुत पहले कि बात है तब मेरा घर पक्का नही था अकसर चोरी होती रहती थी एक दिन कि बात है घर के बाहर मेरे बाबा सो रहे थे तभी उन्हें लगा कोइ खेत में है जब बार बार कुछ आवीजे आती रही तब उन्होंने जाकर देखा कोई हमारे खेत में आलू खोद रहा था बाबा जी चुपके से जाकर वही थोड़ी दूर् पर बैठ गए | थोड़ी देर उसे आलू खोदने दिया फिर बोले कि यदि तुम्हारे खाने जितना खोद लिया हो तो ले जाओ और मुझे भी सोने दो | चोर सर्मिंदा होकर उठ गया और आलू लेकर चला गया | आज भी कभी कभी वो चोर  घ्रर पर आता है पर चोरी नही करता मिलकर चला जाता है |

Suni Sunai baaten bhooton ki

सुनी सुनाई बाते भूतों के बारे में कभी कभी मेरे दिल में कुछ बातें सुनी सुनाई बाते भूतों के बारे में याद आती । मेरे दादा कहते थे एक बार वो दोपहर के समय खेत में लेटे हुए थे सहसा आख लग गई । थोड़ी देर के बाद आँख खुली तो देखा कोई आ रहा है और उसके हाथ में बड़ा सा भाला था और वो लगभग १० फुट लम्बा था । उसे देख कर दादा जी घर की ओर दौड़ पड़े तब तक दौड़ते रहे जब तक घर नहीं आ गया फिर जब पीछे मुड़कर देखा तो केवल धुवाँ ही धुवाँ था । वही भूत उनको दुबारा भी मिला एक पेड़ पर बैठा था भूत तो ऊपर बैठा था और उसके पैर जमीन तक थे । इसी तरह छुटपुट घटनाएँ कई बार हुई उनके कहने पर मैं भी कई बार पेड़ के पास गया दोपहर को खेतों में लेटा पर मुझे तो कभी भूत नहीं दिखाई दिया तो मैंने सोचा सायद यही कहानी हर दादा की हो और मुझे भी भूत देखने के लिए दादा बनने तक इन्तेजार करना पड़ेगा ।

Children are form of God

बच्चे भगवान का रूप होते है  ऐसा अक्सर सुना जाता है पर ऐसा होता क्यों है बड़े भगवान का रूप क्यों नहीं होते है । इसका सीधा कारण है हम जो कुछ भी करते है वो हमारे स्वार्थ से जुड़ा होता पर बच्चे बड़े भोले होते उन्हें अपने ब्योहर से कुछ लेना देना नहीं होता है । अगर हमें कोई कुछ उल्टा सीधा बोल दे तो हम क्रोधित हो सकते है बदला ले सकते है पर बच्चे थोड़ी देर नाराज होते है फिर भूल जाते है और अपने खेल कूद में लग जाते है मेरी बेटी का नाम आशी है कई बार में उसे डांट देता तो भी थोड़ी देर नाराज होकर फिर से खुस हो जाती और दुखद माहोल को खुशमय बना देती है और हमारे बड़े हमें डांट दे तो दो दिन तक मूड ख़राब रहता है । बच्चे कितने मासूम होते है आप कितने भी थके हारे घर पर आओ पर अपने बच्चे की एक मुस्कान आप की थकान दूर कर देती है । उनकी छोटी छोटी सैतनिया आपको बीमार नहीं होने देती है । हम बड़ों के दिलों में कई विचार होते है पर बच्चे दिल के सच्चे होते है । उनके मन में कोई विकार नहीं होता उनकी भावनाएं बिलकुल पवित्र होती है बच्चा जितना छोटा होता है उतना ही विचारो का पवित्र । भगवन हमेश सच्चे लोगों के ज्यादा करीब ...

Some important things to Take care

(1.)खड़े -खड़े पानी पीने से घुटनों में दर्द की बीमारी होती है इसलिए पानी हमेशा बैठ कर पीना चाहिए ।  (2.) हमारे शरीर की बनावट के अनुसार यदि हम खड़े हो कर खाना खायेंगें तो पेट खराब ही होगा अतः कभी भी खड़े हो कर खाना न खाएं ।  (3.)नक्क्सीर आने पर तुरंत नाक में देशी घी लगाना चाहिए ,नाक से खून आना तुरंत बंद हो जाता है। (4.)बच्चों को पेशाब ना उतारे तो स्नान घर में ले जाकर टूटी खोल दें पानी गिराने की आवाज़ सुनकर बच्चे का पेशाब उतर जायेगा।  (5.)बस में उलटी आती हो तो सीट पर अखबार रखकर बैठने से ,उलटी नहीं आती।  (6.)कद बढ़ाने के लिए अश्वगंधा व मिश्री बराबर मात्रा में चूरन बना कर १ चम्मच भोजन के बाद लें  (7.)बाल गिरने लगें हों तो १००ग्राम नारियल तेल में १०ग्राम देशी कपूर मिलाकर जड़ों में लगायें  (8.)सर में खोरा हो ,शरीर पर सूखी खुजली हो तो भी इसी तेल को लगाने से लाभ मिलता है  (9.)आधा सर दर्द होने पर,दर्द होने वाली साईड की नाक में २-३ बूँद सरसों का तेल जोर से सूंघ लें (10.)जुकाम होने पर सुहागे का फूला १ चम्मच ,गर्म पानी में घोल कर पी लें १५ मिनट में...