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Happy New Year 2016

नया साल मुबारक हो २०१६ आप सभी दोस्तो को मेरी तरफ से नया साल मुबारक हो | मुझे याद है बचपन मे हम अपने हाथो से कार्ड बनाकर दोस्तो मे बाँटा करते थे | कोई कविता लिखकर देता था तो कोई गिफ्ट | उस समय का जुनून ही अलग था नया साल मनाने का | आज भी लोगो मे जुनून होता है पर कोई पार्टी मे जाता है कोई कुछ और करता है | खैर आप लोग जो भी करे दिल से करे मज़ा ज़रूर आएगा | जोश को कायम रखे और दिल को जवान | मेरी भगवान से प्रार्थना है की आप सभी के घरों मे रौनक आए | नये साल का हार्दिक अभिनंदन|

Thag of Delhi

दिल्ली का ठग बहुत दिन पहले कि बात है मेरे एक मित्र दिल्ली में नौकरी करते थे । थोड़े दिन पैसे कमाने के बाद गाँव जाने कि तैयारी कर रहे थे उनका नाम हसमुख है । उनके पास  लगभग २० हजार रूपये थे । वो स्टेशन पर रेलगाड़ी का इंतजार कर रहे थे तभी एक आदमी उनके पास आया और बोला कहा जा रहे हो हसमुख भाई बोले कि बाराबंकी तो उस आदमी ने कहा कि वो भी बाराबंकी जा रहा है । जिस ट्रेन का इंतजार हसमुख भाई कर रहे थे उसी ट्रेन का इन्तजार वो आदमी भी कर रहा था । फिर बोला कि आजकल ठग बहुत लूट रहे है इसलिए मैंने अपने सारे रूपये का रसीद स्टेशन से कटवा लिया है बाराबंकी पहुंचूंगा तो रसीद दिखा कर पैसे वापस ले लूंगा । हसमुख थोड़े अनपढ़ थे सोचा अगर में भी रसीद कटवा लूँ तो रस्ते में जेब कतरी से बच जाऊंगा हसमुख ने कहा मेरे पास भी पैसे है मेरी भी रसीद बनवा दो । वो आदमी बोला मेरा बक्सा अपने पास रखकर रखवाली करो पैसे दो अभी बनवा देता हूँ । फिर पैसे लेकर वो रसीद बनवाने चला गया । बहुत देर हो गई वो आदमी नहीं आया अब हसमुख को समझते देर न लगी कि पैसे चले गए । उन्हें बहुत दुःख हुआ पर किसी तरह से गाव पहुच गए । उसका बक्सा खोल

Dost ki jubani

मेरा एक दोस्त था  वो पाच भाई थे  उस दोस्त का नाम जोगवीर था वो बहुत गुस्से वाला था ।  हर वक्त मुझसे झगड़ता रहता था एक बार मेरी उसकी बहस हो रही थी कि जब परिवार बड़ा हो जाता है तो झगड़े बढ़ते है और फिर बटवारा हो जाता है जमीन का और फिर मैने कहा तू तो पाच भाई है तुम्हारा तो बटवारा जल्द हो जायेगा । वो बोला नहीं हमारे भाइयों कि बीच कभी झगड़ा नहीं होगा ।  उस बात को २ ०  साल हो गए आज याद आया तो महसूस हुआ कि उसने उस दिन उसने प्रतिज्ञा करली थी कि भाइयों से कभी नहीं लड़ेगा ।  सच में आज भी सब मिलकर रहते है । सबकी अपनी अपनी दुकान और बिज़नस है । अगर मनुस्य ठान ले तो आज भी प्यार में ताकत वाली बात सिद्ध होती है  ।

Inderpoori Baba

इन्दरपूरी बाबा बात थोड़ी पुरानी है । एक गाँव जिसका नाम भवानीपुर था । उस गाँव में एक बाबा रहते थे उनका नाम था इन्दरपूरी बाबा । इन्दरपूरी बाबा गाँव के मंदिर में एक छप्पर में रहते थे । में जब भी मंदिर जाता था इन्दरपूरी बाबा से जरूर मिलता था । एक बार में गया तो उन्होंने मुझे खाना भी खिलाया । खाना बहुत ही स्वादिस्ट था । बातों बातों में वो मुझसे तारीख पूछते थे यदि में गलत तारीख बता देता तो बोलते थे क्या पढ़ते लिखते हो तारिख भी नहीं मालूम है सही से । जो कोई भी मंदिर आता था कुछ न कुछ दान दक्षिना दे जाता था । कभी कभी हम उन्हें खाने पर भी बुलाते थे । उस मंदिर के पीछे एक नाऊ रहता था उसका नाम नन्हे था वो बहुत चालक किस्म का आदमी था वो भी कभी कभी बाबा से मिलने आता था । वो जब भी मिलते तो अपनी गाय के बारे में जरूर बताते थे की उनकी गाय बहुत सुन्दर थी एक बार वो रात को सो रहे थे तो कुछ लोग आये और उनके सीने के ऊपर बन्दूक तान दिया । लेकिन किसी तरह से बाबा भाग निकले लेकिन वे चोर बाबा की गाय चुरा ले गए । तब से बाबा को अपनी गाय बहुत याद आती है । वो कहते थे वैसी गाय उन्होंने कभी नहीं देखी । एक दिन ब

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Champak singh ki kismat

चम्पक सिंह जो की मेरा एक दोस्त है उसके जिंदगी की दास्ताँ कुछ हटके है इस लिए मै चम्पक सिंह के बारे में विस्तार से लिखना चाहता हूँ । बातें बहुत सी है पर में उसके जीवन के नौकरी के पल और कुछ एजुकेशन के पल शेयर करूँगा । चम्पक सिंह के पापा का नाम जीवनलाल है । जीवनलाल - बेटा चम्पक अब तू स्नातक कर रहा है आगे का क्या बिचार है । चम्पक सिंह- पिताजी में सोच रहा हूँ कि कंप्यूटर कोर्स कर लेता हूँ । जीवनलाल - बेटा पहले बीएससी पूरा कर लो फिर देखो क्या करना । अब तक तो कभी फर्स्ट क्लास पास हुए नहीं तुम समझ में नहीं आता ये जिंदगी तुम्हे कहा लेकर जाएगी । तू पढता तो रात को २ बजे तक है फिर नंबर क्यों नहीं आते । चम्पक सिंह- क्या करूँ जो पढता हूँ वो आता नहीं और जो आता है वो पढ़ के नहीं जाता । जीवनलाल - हा हा हा तू नहीं सुधरेगा । चम्पक सिंह का एक दोस्त था उसको लोग प्यार से गड्डी के नाम से बुलाते थे । गड्डी और चम्पक सिंह एक ही कमरे में रहते थे । गड्डी को सब मालूम था की चम्पक सिंह के नंबर क्यों नहीं आते थे असल में रात को चम्पक सिंह कुछ अलग ही करता था या तो कहानी की किताब पढता था या फिर खुद कहानी लि

Beware from Fraud of Modeling and acting for Bollywood

अगर आप मॉडलिंग में या फिर एक्टींग में जाना चाहते है या फिर ये आपका सपना है कि आपका बेटा या बेटी एक्टिंग में काम करें तो जल्दी बाजी में कोई गलत कदम न उठायें । ऐसी वैसी जगह अपना मेहनत का कमाया हुआ पैसा न गवाएं । आजकल एक्टिंग के नाम पर बाजार में बहुत से लुटेरे बैठे हुए है । अगर नजर डालेंगे तो ये किसी मॉल जैसे र सिटी मॉल या फिर कोई और मॉल में आप से फॉर्म भरवाएंगे स्टूडियो बुलाएँगे और फोटो खीचने के नाम पर दस से पच्चीश हजार रूपये ले लेते है । फिर एक फोटो अल्बम दे देंगे और कहेंगे कि ऑडिशन के लिए कॉल करेंगे पर कॉल कभी आता नहीं आपका कॉल कोई उठाता नहीं और आपका पैसा गया । ऐसे ही अगर उन्हें १ सप्ताह में पच्चीश ग्राहक मिलते है तो उनकी हो गई अच्छी खाशी कमाई और आपकी बर्बादी । मै किसी किसी स्टूडियो का नाम तो नहीं ले सकता पर आप जैसे समझदार के लिए मेरा ये इशारा ही काफी है और जब भी आपको कोई ठग मिलेगा तो आप फसेंगे नहीं । अगर आप फसेंगे तो बहुत पछतायेंगे । अगर आप अपने सपने को पूरा करना चाहते है तो सही रास्ता चुने । किसी अच्छे इंस्टिट्यूट में ट्रेनिंग ले या फिर अपने बच्चे को ट्रेनिंग दिलवाएं अगर आप