कहानी मेरे दोस्तों की
मेरा एक दोस्त था नाम था विकास(बदला हुआ नाम) . वो बहुत सीधा था बचपन से ही वो मेरे साथ खेलता था हम दोनों के साथ आरती जो की पड़ोस में रहती थी वो भी हमारे साथ खेलती थी
हम जयादातर दौड़ने वाला खेल खेलते थे हमारा एक दोस्त और था उसका नाम था पिंकू . इस तरह से कुल मिलके हम 5 लोग थे मै पिंकू आरती ,रोसी और राजेश .
खेलते खेलते कितने दिन बीत गए किसी को पता ही नहीं चला. और एक दिन पिंकू को आरती से प्यार हो गया , राजेश को रोसी से और मेरे पास तो कोई कोई रास्ता ही नहीं बचा एक को पिंकी मिली तो दुसरे को रोसी . मैंने कहा चलो कोई बात नहीं दोनों के प्यार का आनंद लेते है और में दोस्ती निभाता हूँ
राजेश को तो रोशी से प्यार था पर रोशी को राजेश से नहीं रोशी मुझसे प्यार करती थी .यह मुझे पता नहीं था. आरती और पिंकी दोनों एक दुसरे को बहुत प्यार करते थे और दोनों को मालूम था पर दोनों ने एक दुसरे को कभी बताया ही नहीं की वो एक दुसरे से प्यार करते है .
इसी तरह से दिन गुजरते जा रहे थे .
एक दिन हम सभ एक शादी में गए आरती पिंकी और रोशी एक साथ थी मने एक प्रश्न राजेश और पिंकू से किया कि तीनो में कौन सुन्दर है असलियत में पिंकी का रंग साफ़ था , रोसी का भी रंग साफ़ था पर दन्त थोड़े बहार थे पिंकू ने बोला आरती सबसे सुन्दर है , राजेश ने बोला रोशी सबसे सुन्दर है मै समझ गया कि दोनों प्यार में अंधे हो चुके है क्यों कि
मुझे तो मंच पर बैठी दुल्हन ज्यादा सुन्दर लग रही थी .
ऐसे ही दिन बीतते गए एक दिन aarti ने अपने प्यार का खेल खेल में इजहार भी कर दिया पर पिंकू और आरती अलग अलग जाती के थे इसलिए पिंकू ने अपने प्यार का इजहार ही नहीं किया क्यों कि उसमे दुनिया से लड़ने कि ताकत न थी.
उधर राजेश ने रोशी रोसी से प्यार का इजहार किया पर रोशी किसी और से प्यार करती थी और उसने भी जबाब नहीं दिया इस तरह दोनों प्यार से महरूम रह गए.
दिन गुजरते गए हम सबने स्नातक कि डिग्री हाशिल कर ली, फिर एक दिन राजेश ने सुना कि रोशी ने शादी करली तो जोर का झटका धीरे से लगा फिर उसने लहर मिरिंडा पि के शादी कर ली.
आज हम ३० वर्ष के हो गए पिंकू को भी अपना प्यार नहीं मिला उसने भी शादी कर ली .
मै यह सब देख के यही सोचता हूँ कि कितने लोग दुनिया में होंगे जिनको अपना प्यार ही नहीं मिला .
पुरे लेख का उद्देश यही है कि प्यार में इजहार जरूरी है