Skip to main content

Jaane kaha gaye vo din

जाने कहाँ गए वो दिन
कभी कभी में सोचता हूँ जाने कहाँ गए वो दिन जब हम बचपन की जिंदगी जी रहे थे मेरे बाबा कहते थे बचपन बीतेगा खेल में और अगर जवानी में सोयेगा तो बुढ़ापे में रोयेगा वो सच ही कहते थे दूसरी बात भी कहते थे की जवानी जा के कभी आती नहीं बुढ़ापा आ के कभी जाता नहीं.

मुझे याद आता है वो बचपन के दिन जब हम बिंदास खेला करते थे न कोई चिंता न कोई फिकर बस मजा ही मजा बारिश में भीगा करते थे और जब मक्का होता था तो खेतो से भुट्टा चुराते थे बहुत मजा आता था .

में और मेरे दोस्त एक साथ खेला करते थे कभी चोर सिपाही तो कभी दौड़ भाग कभी फूटबल तो कभी क्रिकेट और हमें तो ये ख्याल ही नहीं रहता था की एक दिन हम बड़े हो जायेंगे और सारी मस्ती पीछे छूट जाएगी.

गाँव के पास में ही एक तालाब था वहां हम नहाने जाते थे बड़ा मजा आता था . फिर कुछ दिन बीते स्कूल जाने की बारी आई हम स्कूल गए पर धीरे धीरे वहां भी दोस्त बने वहां भी खेल खेल में दिन बीतता था लेकिन कभी कभी जब मास्टर जी मरते थे तब पता चलता था की अब थोडा बड़ा हो जाना चाहिए .
हमारे स्कूल में एक मास्टर जी बहुत मारते थे कभी कभी तो पैर पे नीले नीले निशान बन जाते थे. छात्रो को ३ घंटे तक मुर्गा बना के रखते थे.

यह सब होने के बाद भी इंटरवल में टिफिन खाने में बहुत मजा आता था.
और आपस में बात करने में तो और भी ज्यादा मजा आता था.

आज हम जवान हो गए ये सब कब गुजर गया कुछ पता ही न चला . अब तो दिल यही कहता है कि जाने कहाँ गए वो दिन.

Popular posts from this blog

Sanskrit word meaning in Hindi for Profession,vegetables and other things

Village vs city in form of poem

Raigad fort visit, the capital of Chhatrapati Shivaji Maharaj

Raigarh Fort  was built by Chandrarao Mores in 1030 AD. I visited this fort and enjoyed much more.