क्या ये वही इंडिया है
कभी कभी में सोचता हूँ क्या ये वही इंडिया है जहाँ पर लोगों ने हमारे लिए अपने देश के लिए अपनी जान गवाई थी जहाँ कभी हिन्दू और मुस्लमान मिलके अंग्रेजो का सामना करते थे और फक्र करते थे अपने और अपने देश के ऊपर.
जहाँ पर चन्द्रसेखर आजाद और भगत सिंह सहीद हुए थे . महात्मा गाँधी और नेहरु जी जैसे नेता हुआ करते थे . उस ज़माने में अगर बड़े से बड़े विचारों वाले लोग होते the तो आज क्यों नहीं.
आज हर इंसान इतना स्वार्थी क्यों हो गया. पहले तो अंग्रेज हुआ करते थे उन्हें तो भगा दिया गया पर अब खुद सारा हिंदुस्तान ही अंग्रेज हो गया अब क्या होगा इस देश का.
जहाँ देखो जिशे देखो बस खुद अंग्रेज होने में फक्र महसूस करता है
अगर कोई हिदुस्तानी लिबास पहनता है तो कोई नहीं देखता पर अंग्रेजी लिबास पहन लिया तो सब हल्लो हाई करते है.
मै पूछता हूँ आखिर क्या है इस अंग्रेजी सभ्यता में जिससे सभी आकर्षित हुए बिना नहीं रह सकते. आज सब कुछ आम हो गया जिसको जो मर्जी आई वही करता है.
पहले लोग गाय को माता मान के पूजा करते थे आज उसी गाय का खून करके खाने में कोई एतराज नहीं होता. सभी को अपनी पेट पूजा ही पूजा लगती हाई हाई चाहे वो कुछ भी हो.
अरे जिन जानवरों से ये प्रकृति सुन्दर लगती हाई जब वाई नहीं रहेंगे तो इस संसार का मतलब क्या रह जायेगा.
मन की भगवन ने इस युग का नाम कलयुग दिया है पर कर्म तो हमारे हाथ में हाई तो हम आप उसका सही इस्तेमाल क्यों नहीं करते हम क्यों कर नशे के आदि होते जा रहे.
अब तो हम इतने समझदार हो गए हाई की किसी की बात मानने की जरूरत ही नहीं है इसलिए तो है हम असली अंग्रेज.
क्या इंडिया की संस्कृति हम सब मिल के बचा पाएंगे या फिर इंडिया बनेगा नया इंडिया जानने के लिए पढ़े अगला लेख.